हरा मोटा चारा क्या होता हैं पशुओं के आहार में इसकी क्या उपयोगिता होती हैं

हरा मोटा चारा क्या होता हैं पशुओं के आहार में इसकी क्या उपयोगिता होती हैं
हरा मोटा चारा क्या होता हैं पशुओं के आहार में इसकी क्या उपयोगिता होती हैं


हरा मोटा चारा क्या होता हैं?

वे चारे जिनमें रेशे (crude fibre) की मात्रा 18 प्रतिशत से अधिक तथा संपूर्ण पाचक तत्वों (T.D.N.) की मात्रा कम हो, मोटे चारे कहलाते हैं। जैसे - भूसा, घास इत्यादि।

पशु आहार में मोटे चारे की उपयोगिता 

मोटे चारे अधिक रेशेदार होने के कारण यह चारे राशन की मात्रा बढ़ाते हैं, जोकि भोजन प्रणाली के तनाव के लिए नितान्त आवश्यक है। मोटे चारे भोजन प्रणाली के अंदर अधिक पानी शोषित करके मृदुरेचक (Laxative) प्रभाव पैदा करते हैं। ऐसे चारे अधिक सस्ते एवं शीघ्र शक्तिदायक होते हैं। जुगाली करने वाले पशुओं में इनका और भी अधिक महत्व है।

रुमेन में बैक्टीरिया, प्रोटोजोआ आदि जीवाणुओं को कार्यान्वित करने के लिए ये चारे अनुकूल अवस्थाएं प्रदान करते हैं। यह जीवाणु इन खाद्यों के रेशे या दुष्पचनीय तन्तु को तोड़कर उनसे वाष्पीकरण वसीय अम्ल (Volatile Fatty Acids), जैसे ऐसिटिक, प्रोपिआनिक तथा ब्यूटायरिक अम्ल पैदा करते हैं, जो पशुओं के शरीर के लिए शक्ति प्रदान करते हैं। 

ये जीवाणु इन खाद्यों से कुछ आवश्यक एमिनो अम्ल (Essential Amino Acid) तथा विटामिन्स भी तैयार करते हैं। कुछ अच्छे प्रकार के मोटे चारे अकेले ही निर्वाह आहार बनते हैं। पाचक-रसों की क्रिया के लिए ये चारे अधिक बड़ी सतह प्रदान करते हैं, जिससे उनका प्रभाव भोजन पर भली प्रकार हो सके।

पशु आहार में मोटे चारे का महत्व 

  • मोटे चारे रेशेदार (Fibrous) होने के कारण राशन की मात्रा बढ़ाते हैं।
  • भोजन प्रणाली ( Digestive system ) की दीवारों में तनाव उत्पन्न ने करके पाचक रसों को निकालने के लिए उत्तेजना प्रदान करते हैं।
  • अंतड़ी की दीवारों से अधिक पानी शोषित (absord) करके मृदुरेचक प्रभाव पैदा करते हैं।
  • मोटे चारे सस्ते तथा शीघ्र शक्तिदायक होते हैं।
  • मोटे चारे जुगाली करने वाले पशुओं को रूमेन में बैक्टीरिया तथा प्रोटोजोआ आदि जीवाणुओं की क्रिया के लिए अनुकूल अवस्थाऐं प्रदान करते हैं।
  • मोटे चारे पर रूमेन के जीवाणु (rumen bacteria) अपनी क्रिया (action) करके एसिटिक (acetic), प्रोपिआनिक (propionic) तथा ब्यूटायरिक (butyric) अम्लों जैसे उड़ने वाले चिकने तेजाब (volatile Fatty acids) निकालते हैं जो कि रूमेन की दीवार से सीधे शोषित होकर पशुओं को शक्ति प्रदान करते हैं।
  • रूमेन के जीवाणु मोटे चारों से कुछ विटामिन तथा अनिवार्य एमिनो अम्ल भी बनाते हैं।
  • कुछ अच्छे प्रकार के मोटे चारे स्वयं ही निर्वाह आहार (maintenance ration) बनते हैं।
  • भोजन प्रणाली की दीवारों में संकोचन तथा विमोचन ( contraction and expansion ) क्रियाओं के संपन्न होने में सहायता करके भोजन को पचाते हैं।
  • अंतड़ी में भोजन पर पाचक रसों की क्रियाओं के लिए अधिक बड़ी सतह प्रदान करते हैं।
  • उत्पादक पशुओं में उनकी अजल पदार्थ (dry matter) की कुल आवश्यकता का दो-तिहाई भाग इन्हीं चारों से दिया जाता है।
  • हरे चारे विटामिन ए का सर्वोत्तम स्रोत होते हैं।
  • कुछ फलीदार हरे चारे इतने अच्छे होते हैं कि उनका प्रयोग दाने के स्थान पर भी किया जा सकता है।
  • हरे चारे स्वादिष्ट, शीघ्र पाचक तथा स्वास्थ्यवर्द्धक होते हैं।
  • इनसे अच्छे किस्म की सूखी घास (hay) तथा साइलेज भी बनाई जा सकती है।
  • पशुओं के लिए हरा चारा विशेषकर फलीदार एक पूर्ण आहार होता है। ऐसा चारा पशुओं को खिलाने से पशुओं के दूध में वृद्धि होती है। इन चारों में प्रोटीन, कैल्शियम तथा विटामिन ए और डी की मात्रा अधिक पाई जाती है।

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