मृदा रन्ध्राकाश क्या हैं | soil porosity in hindi

मृदा रन्ध्राकाश का किसे कहते हैं| soil porosity in hindi
मृदा रन्ध्राकाश का किसे कहते हैं| soil porosity in hindi


मृदा के कुल आयतन का वह प्रतिशत भाग जो खाली होता है, मृदा रन्ध्रता (porosity in hindi) कहलाता हैं । इसे प्रतिशत रन्ध्राकाश भी कहा जाता हैं ।

रन्ध्राकाश का अर्थ | soil porosity meaning in hindi

मिट्टी के कणों को चाहे हम जितने सघन रूप से स्थापित करें, इन कणों के बीच कुछ न कुछ रिक्त स्थान अवश्य रहता है, इसी रिक्त स्थान को मृदा रन्ध्राकाश कहते हैं ।

शुष्क मृदा में ये रन्ध्राकाश हवा से, नम मृदा में वायु एवं जल से, जल संतृप्त मृदा में जल से भरे रहते है ।

रन्ध्राकाश की परिभाषा | definition of soil porosity in hindi

"किसी निश्चित आयतन की मिट्टी का वह अंश, जो ठोस पदार्थ से खाली रहता है और जिसमें वायु एवं जल भरा रहता है, मृदा रन्ध्राकाश कहलाता है ।"

रन्ध्राकाश क्या है | soil porosity in hindi

साधारण मृदा की कुल सरन्ध्रता लगभग 50% होती है । बलुई मृदा में इस सीमा से कम तथा क्ले जीवांश युक्त मृदा की सरन्ध्रता 50% से अधिक होती है । रेत में रन्ध्राकाश बढ़ाने के लिए क्ले व जैविक खादें मिलानी चाहिए तथा मटियार या क्ले का व्यक्तिगत रन्ध्राकाश (Individual pore space) बढ़ाने के लिए इसमें रेत व जैविक खादें मिलायें और समय पर जुताई करें ।

यह ध्यान देने की बात है कि रेतीली भूमि में व्यक्तिगत रिक्त स्थान अधिक होता है (macro pores) लेकिन सम्पूर्ण सरन्ध्रता कम होती है । रन्ध्राकाश मृदा गठन, मृदा संरचना तथा मृदा कणों की आकृति पर निर्भर करता है ।

मृदा के ठोस स्थान का प्रतिशत = स्थूल घनत्व/कण घनत्वx100 
रन्ध्राकाश प्रतिशत = 100 - ठोस स्थान का प्रतिशत
% रन्ध्राकाश = 100 - स्थूल घनत्व/कण घनत्व x100


रन्ध्राकाश कितने प्रकार का होता है | types of soil porosity in hindi


मृदा रन्ध्राकाश के प्रकार -

  • केशीय रन्ध्र ( Capillary pore space ) — इन्हें सूक्ष्म रन्ध्र भी कहते हैं । इनमें जल का संचार मृदा कणों के केशिका कर्पण तनाव के कारण होता है ।
  • अकेशीय रन्ध्र ( Non - Capillary pores ) — इन्हें बड़े रन्ध्र कहा जाता है । इनमें जल संचार पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के कारण होता है ।


रन्ध्राकाश का महत्व | impotance of porosity in hindi


मृदा रन्ध्राकाश का महत्त्व -

  • पौधों के लिए रन्ध्राकाश का बड़ा महत्त्व है, क्योंकि इसी में वायु एवं जल, पौधों के उपयोग के लिए संचित रहते हैं पौधों की जड़ों के श्वसन के लिए एवं जीवाणुओं के लिए वायु इन्हीं रन्ध्राकाशों से मिलती है ।
  • मिट्टी की जलधारण शक्ति, वायु एवं जल संचार, मिट्टी का भुरभुरापन, मिट्टी का ताप, पौधों का विकास इन्हीं रन्ध्राकाशों पर निर्भर करता है ।
  • मोटे गठन वाली भूमि में व्यक्तिगत रन्ध्राकाश बड़े होते हैं लेकिन समस्त रन्ध्राकाश कम होता है । इसलिए ऐसी भूमि में वायु एवं जल संचार सुगमतापूर्वक होता है लेकिन पानी रोकने की क्षमता बहुत कम होती है, जबकि महीन गठन वाली भूमियों में व्यक्तिगत रन्ध्राकाश कम होता है, समस्त रन्ध्राकाश अधिक होता है ।
  • ऐसी भूमियों में वायु एवं जल संचार अच्छा नहीं होता लेकिन पानी रोकने की क्षमता अधिक होती है ।

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